LAST YEAR QUESTION PAPER UP POLICE CONSTABLE
Ques:39-निम्नलिखित में से अव्यय है
- प्राचीन
- मोटा
- गरीब
- और :
39(4) ऐसे शब्द जिन पर लिंग, वचन एवं कारक का कोई प्रभाव नहीं पड़ता तथा लिंग, वचन एवं कारक बदलने पर भी ये ज्यों के त्यों बने रहते हैं, ऐसे शब्दों को अव्यय या अविकारी शब्द कहते हैं। जैसे- और, तथा, किन्तु, परन्तु, जब, तब, अभी, यहाँ, वहाँ, अतः, इसलिए, किस लिए आदि ।
Ques:40-हिन्दी में पूर्ण विराम का चिह्न है।
- !
- .
- I
- ?
40(3) विराम का अर्थ है - रुकना या ठहरना । वाक्य को लिखते अथवा बोलते समय बीच में कहीं थो - बहुत रूकना पड़ता हैं, जिससे भाषा स्पष्ट, अर्थवान एवं भावपूर्ण हो जाती है। हिन्दी भाषा के अन्तर्गत पूर्ण विराम (1), अर्द्ध विराम (;), अल्प विराम (,), प्रश्नवाचक चिन्ह (?) आदि का प्रयोग किया जाता है।
Ques:41-‘दूध का धुला होना‘ मुहावरे का अर्थ है:
- निर्दोष होना
- दोषी होना
- पाप करना
- चोरी करना
41(1) ‘दूध का धुला होना‘ मुहावरे का अर्थ है ‘निर्दोष होना‘।
Ques:42-‘जिसकी लाठी उसकी भैंस‘ लोकोक्ति का सही अर्थ है :
- शक्तिशाली आदमी मूर्ख होता है।
- शक्ति सम्पन्न आदमी अपना काम बना लेता है।
- बुद्धि सम्पन्न आदमी अपना काम बना लेता है।
- बुद्धि सम्पन्न आदमी चालाक होता है।
42(2) ‘जिसकी लाठी उसकी भैंस‘ लोकोक्ति का सही अर्थ ‘शक्ति सम्पन्न आदमी अपना काम बना लेता है। ‘
Ques:43-वीर रस का स्थायी भाव है :-
- क्रोध
- भय
- विस्मय
- उत्साह
43(4) वीर रस का स्थायी भाव उत्साह होता है। जबकि क्रोध रौद्र रस का भय भयानक रस का एवं विस्मय अद्भुत रस का स्थायी भाव है।
Ques:44-‘दोहा‘ के प्रथम चरण में कितनी मात्राएँ होती हैं?
- 11
- 12
- 13
- 14
44(3) दोहा अर्द्धसम मात्रिक छंद का उदाहरण है। इसके प्रथम एवं तृतीय चरण में 13-13 मात्राएँ तथा द्वितीय एवं चतुर्थ चरण में 11-11 मात्राएँ होती हैं।
Ques:45-निम्नलिखित में कौन-सा शब्दालंकार है?
- उपमा
- रूपक
- उत्प्रेक्षा
- यमक
45(4) जहाँ पर काव्य के सौन्दर्य में शब्दों के माध्यम से वृद्धि होती है वहाँ शब् कार होता है। . शब्दालंकार के निम्न भेद बताए गए हैं- (1) अनुप्रास अलंकार ( 2 ) यमक अलंकार (3) श्लेष अलंकार (4) वक्रोक्ति अलंकार ।
Ques:46-निम्न में से तालव्य ध्वनि है :
- ट
- प
- श
- क
46(3) जिन ध्वनियों के उच्चारण में जिह्वा का मध्य भाग तालु से स्पर्श करता है, उन्हें तालव्य ध्वनि कहा जाता है। जैसे- इ, ई (स्वर), च, छ, झ, ञ, श, य (व्यंजन) । अतः निम्न विकल्पों में से ‘श‘ तालव्य ध्वनि है।
Ques:47-निम्न में से कौन-न-सा वर्ण अघोष है?
- क
- ग
- घ
- ज
47(1) जिन ध्वनियों के उच्चारण में फेफड़ों से श्वास वायु स्वर- - तंत्रियों से कंपन करती हुई नहीं निकलती अघोष ध्वनियाँ कहलाती हैं। क, ख, च, छ, ट, ठ, त, थ, प, फ, ब, स आदि को अघोष ध्वनियों के अन्तर्गत रखा जाता है।
Ques:48-निम्न में से कौन-सा शब्द स्त्रीलिंग है?
- उपहार
- ग्रन्थ
- मस्तक
- रचना
48(4) ‘रचना‘ स्त्रीलिंग शब्द है जबकि अन्य (उपहार, ग्रन्थ तथा मस्तक) पुल्लिंग शब्द हैं।
Ques:49-निम्न में से कौन-सा शब्द पुल्लिंग है?
- इच्छा
- राष्ट्र
- रक्षा
- योग्यता
49(2) ‘राष्ट्र‘ पुल्लिंग शब्द है। जबकि इच्छा, रक्षा एवं योग्यता स्त्रीलिंग शब्द हैं।
Ques:50-किस शब्द का प्रयोग सदा बहुवचन में होता है?
- लड़का
- घोड़ा
- प्राण
- वधू
50(3) हिन्दी भाषा विज्ञान के अन्तर्गत बहुत से ऐसे शब्द हैं जिनका प्रयोग सदा बहुवचन में होता है। जैसे- प्राण, वायु, जल, आकाश आदि। लड़का, घोड़ा तथा वधु का बहुवचन क्रमशः इस प्रकार है- लड़कों, घोड़ों तथा वधुओं ।
Ques:51-‘ने‘ किस कारक का चिह्न है?
- कर्ता
- कर्म
- करण
- संप्रदान
51(1) हिन्दी व्याकरण के सन्दर्भ में, किसी वाक्य या वाक्यांश में संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ सम्बन्ध कारक कहलाता है। कारक के जिस रूप से क्रिया (कार्य) के करने वाले का बोध हो, वह ‘कर्ता‘ कारक कहलाता है। इसका विभक्ति चिन्ह ‘ने‘ है। जैसे- राम रावण को मारा।
Ques:52-निम्नलिखित में सर्वनाम है। :
- घर
- आप
- पहाड़
- नदी
52(2) सर्वनाम का अर्थ होता है- सबका नाम। जो शब्द संज्ञा के नामों की जगह प्रयुक्त होते हैं उसे सर्वनाम कहते हैं। जैसे आप, मैं, तुम, वह, कौन आदि।
Ques:53-निम्नलिखित में विशेषण है :
- लम्बाई
- बुढ़ापा
- समझ
- शांत
53(2) जिस शब्द से संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता अर्थात् गुण, दोष, रंग, आकार अवस्था आदि का बोध होता है उसे विशेषण कहा जाता है। उपर्युक्त प्रश्न में अवस्था का बोध हो ‘बुढ़ापा‘ शब्द रहा है।
Ques:54-प्रेरणार्थक क्रिया है-
- गिरना
- बोलना
- सुनाना
- कहना
54(2) बोलना प्रेरणार्थक क्रिया है ।
Ques:55-‘लड़के ने पुस्तक पढ़ी है।‘ वाक्य का काल है
- सामान्य वर्तमान
- पूर्ण वर्तमान
- संदिग्ध वर्तमान
- संभाव्य वर्तमान
55(3) ‘लड़के ने पुस्तक पढ़ी है‘ वाक्य संदिग्ध वर्तमान काल से लिया गया है।
Ques:56-निम्नलिखित में तद्भव शब्द :
- अचरज
- अंधकार
- अंगरक्षक
- आशा
56(1) ‘अचरज‘ एक तद्भव शब्द है जो कि ‘आश्चर्य‘ (तत्सम) शब्द से विकृत होकर बना है। तद्भव, शब्द का अर्थ है: ‘उससे होना‘ अर्थात् संस्कृत शब्दों से विकृत होकर (परिवर्तित होकर) बने शब्द । अंधकार, अंगरक्षक तथा आशा ‘तत्सम्‘ शब्द हैं जिनका तद्भव क्रमश: अंधियारा, अंगरखा तथा आस होता है।
Ques:57-‘शीत‘ का विलोम होगा :
- ठण्ड
- गीत
- कृष्ण
- उष्ण
57(4) ‘शीत‘ का विलोम ‘उष्ण‘ होता है। ठण्ड शब्द शीत का समानार्थी है। जबकि गीत तथा कृष्ण क्रमशः नृत्य तथा शुक्ल के विलोम शब्द हैं।
Ques:58-‘कर‘ का अर्थ नहीं होता है
- सूर्य
- हाथ
- किरण
- टैक्स
58(1) ‘कर‘ ‘हाथ, किरण तथा टैक्स‘ का समानार्थी शब्द है।
Ques:59-‘जो कठिनाई से मिलता है‘ के लिए एक शब्द होगा-
- दुर्गम
- दुर्लभ
- अगम
- सुलभ
59(2) ‘जो कठिनाई से मिलता है‘ के लिए - एक शब्द- ‘दुर्लभ‘ है। ‘दुर्गम‘ का अर्थ जहाँ पहुँचना कठिन होता है। ‘अगम‘ का अर्थ है अगम्य, न जानने योग्य, दुर्गम, अपार, बहुत गहरा, असंख्य । ‘सुलभ‘ का अर्थ है सहज में मिलने वाला, सुगम, उपयोगी, साधारण, अग्निहोत्र की अग्नि आदि ।
Ques:60-‘अनिल-अनल‘ का सही अर्थ देने वाला शब्द युग्म है
- वायु-अग्नि
- अग्नि वायु
- हवा-पानी
- आग-पानी
60( 1 ) ‘ अनिल - अनल‘ का अर्थ देने वाला शब्द युग्म ‘वायु- अग्नि‘ है।
Ques:61-‘पराजय‘ में उपसर्ग है :
- प
- पर
- परा
- जय
61(3) जो शब्दांश शब्दों के आदि में जुड़ कर उनके अर्थ में कुछ विशेषता लाते हैं वे - उपसर्ग कहलाते हैं। दूसरे शब्दों में- उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है किसी शब्द के समीप आकर नया शब्द बनाना। पराजय में ‘परा‘ उपसर्ग के रूप में प्रयुक्त हुआ है।
Ques:62-‘लिखावट‘ में प्रत्यय है :
- अट
- वट
- अवट
- आवट
62(4) लिखावट‘ में ‘आवट‘ प्रत्यय लगा हुआ है। प्रत्यय = प्रति (साथ में पर बाद में) + अय ( चलने वाला) शब्द का अर्थ है पीछे चलना । अर्थात् जो शब्दांश शब्दों के अन्त में जुड़कर उनके अर्थ में विशेषता या परिवर्तन ला देते हैं, वे ‘प्रत्यय‘ कहलाते हैं।
Ques:63-महोत्सव का संधि-विच्छेद है :
- महो + उत्सव
- महा + उत्सव
- महि + उत्सव
- म + उत्सव
63(2) महोत्सव का सन्धि विच्छेद ‘महा + उत्सव‘ है। यहाँ पर ‘आ + उ‘ मिलकर ‘ओ‘ हो जा रहा है। यह गुण संधि क उदाहरण है।
Ques:64-‘मैंने घर जाना था । ‘ वाक्य में अशुद्ध अंश है :
- मैंने
- घर
- जाना
- था।
64(1) ‘मैंने घर जाना था‘ वाक्य में ‘मैंने अशुद्ध अंश है। इसका शुद्ध रूप इस् प्रकार होगा ‘मुझे घर जाना था‘ ।
Ques:65-‘देशभक्ति‘ में समास है :
- द्वंद्व
- द्विगु
- तत्पुरुष
- अव्ययीभाव
65(3) ‘देशभक्ति‘ में तत्पुरुष समास है जिस समास में बाद का अथवा उत्तरपद प्रधान होता है तथा दोनों पदों के बीच का कारक - चिन्ह लुप्त हो जाता है, उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।
Ques:66-‘ पुस्तक पढ़ी जाती है।‘ में कौन-सा वाच्य है?
- कर्तृवाच्य
- कर्म वाच्य
- भाव वाच्य
- क्रिया वाच्य निर्देश (67-71 ) : निम्नलिखित गद्यां
66(2) ‘पुस्तक पढ़ी जाती है।‘ वाक्य में कर्म वाच्य‘ है क्योंकि इस वाक्य से पुस्तक पढ़ने के कर्म का बोध हो रहा है। प्रयोग के आधार पर वाच्य के तीन भेद होते हैं : प्रथम - कर्तृवाच्य, द्वितीय - कर्मवाच्य तथा तृतीय- भाववाच्य। क्रिया के उस रूपान्तर को कर्मवाच्य कहते हैं, जिससे वाक्य में कर्म की प्रधानता का बोध होता हो। जैसे- पानी पिया जाता है, आम खाया जाता है आदि।
Ques:67-गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक हो सकता है :
- स्वतंत्रता प्राप्ति
- खेलों का गिरता स्तर
- ओलंपिक पदक
- राष्ट्रीय प्रतियोगिताएँ
67(2) खेलों का गिरता स्तर‘ उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक हो सकता है।
Ques:68-खेलों के गिरते स्तर का कारण नहीं है :
- दोषपूर्ण नीतियाँ
- संघों की गुटबाजी
- सुविधाओं का अभाव
- खेलों के लिए राष्ट्रीय सम्मान
68(4) उपर्युक्त गद्यांश के आधार पर खेलों के गिरते स्तर का कारण - दोषपूर्ण नीतियाँ, संघों की गुटबाजी तथा सुविधाओं का अभाव है। अतः विकल्प में निहित ‘खेलों के लिए राष्ट्रीय सम्मान‘ कारण की दृष्टि से असंगत है।
Ques:69-खेलों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है :
- खिलाड़ियों को सुविधा देने से
- अभ्यास करने से
- आपसी गुटबंदी होने से
- खिलाड़ियों को सम्मान देने से ।
69(3) खेल संघों में ‘आपसी गुटबाजी होने से‘ खेलों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
Ques:70-गद्यांश के अनुसार राष्ट्र की उपलब्धियों में नहीं है :
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- खेल
- कृषि
70(3) गद्यांश के अनुसार राष्ट्र की उपलब्धियों में ‘खेल‘ शामिल नहीं है।
Ques:71-खेलों में निर्धन राष्ट्र भी हमसे आगे निकल गए क्योंकि वहाँ है
- आपसी गुटबंदी
- खिलाड़ियों की उपेक्षा
- दोषपूर्ण नीतियाँ
- खेलों को राष्ट्र सम्मान
71(3) हमारी ‘दोषपूर्ण नीतियों‘ की वजह से खेलों में निर्धन राष्ट्र भी हमसे आगे निकल गए हैं।
Ques:72-‘कामायनी‘ के रचनाकार हैं
- जयशंकर प्रसाद
- सुमित्रानन्दन पंत
- सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला‘
- महादेवी वर्मा
72(1) रचना रचनाकार कामायनी जयशंकर प्रसाद युगान्त सुमित्रानन्दन पन्त अनामिका सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला महादेवी वर्मा पथ के साथी
Ques:73-‘गोदान‘ किसका उपन्यास है?
- यशपाल
- प्रेमचन्द
- भीष्म साहनी
- अमरकान्त
73(2) गोदान हिन्दी भाषा के महान लेखक प्रेमचन्द की विश्व प्रसिद्ध रचना है।
Ques:74-‘बीजक‘ किसकी रचनाओं का संग्रह है ?
- कबीर
- जायसी
- सूरदास
- तुलसीदास
74(1) रचना रचनाकार बीजक कबीर पदमावत् जायसी सूरसारावली सूरदास रामचरित्र मानस तुलसीदास
Ques:75-‘अंधेर नगरी‘ नाटक के रचयिता हैं :
- जयशंकर प्रसाद
- मोहन राकेश
- भारतेन्दु हरिश्चंद्र
- भीष्म साहनी संख्यात्मक एवं मानसिक योग्यता
75(3) रचना रचनाकार अंधेर नगरी भारतेन्दु हरिश्चंद कामायनी जयशंकर प्रसाद आधे अधूरे मोहन राकेश तमस भीष्म साहनी